कक्षा १० अध्याय- अम्ल, क्षारक एवं लवण
अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न-1 लाइकेन से निष्कर्षित अम्ल क्षारक सूचक का नाम बताइए।
उत्तर- लिटमस।
प्रश्न-2 फिनोल्फथेलीन किस प्रकृति के विलयन में गुलाबी रंग देता है?
उत्तर- क्षारकीय प्रकृति के विलयन
में।
प्रश्न-3 ब्राइन क्या है?
उत्तर- सोडियम क्लोराइड का सान्द्र
जलीय विलयन ब्राइन कहलाता है।
प्रश्न-4 कोई द्रव पदार्थ अंडे के पिसे हुए कवच
से अभिक्रिया कर एक गैस उत्पन्न करता है जो चूने के पानी को दूधिया कर देती हैं, इस द्रव पदार्थ का नाम क्या होगा?
उत्तर- HCl अम्ल। अभिक्रिया में
निकलने वाली गैस का नाम कार्बन डाइऑक्साइड होगा।
प्रश्न-5 लार का भोजन से पहले व भोजन के बाद का
pH बताइए।
उत्तर- भोजन से पहले 7.4 व भोजन के बाद 5.8
प्रश्न-6 अम्लीय विलयन में लाल रंग देने वाले
सूचक का नाम बताइए।
उत्तर- मैथिल ओरेंज
प्रश्न-7 चीटीं के डंक में पाए जाने वाले अम्ल
का नाम बताइए।
उत्तर- मैथेनोइक अम्ल या फार्मिक
अम्ल।
प्रश्न-8 चूने के पानी में अधिक कार्बन डाइऑक्साइड
प्रवाहित कर दिए जाने पर दूधिया रंग समाप्त हो जाता है, क्यों?
उत्तर- चूने के पानी में अधिक
मात्रा में CO2 गैस प्रवाहित कर दिए जाने पर
कैल्सियम हाइड्रोजन कार्बोनेट बनता है जो चूने के पानी के दूधिएपन को समाप्त कर विलयन
को स्वच्छ कर देता है।
प्रश्न-9 क्षार द्वारा लिटमस पत्र के रंग में क्या परिवर्तन किया जाता
है?
उत्तर- क्षार लाल लिटमस को नीला
कर देता है। (अम्ल, नीले लिटमस को लाल कर देते हैं)
(संकेत- अनिल शब्द याद रखे। जहां
अ- अम्ल, नि- नीला, ल- लाल)
प्रश्न-10 दही बनने पर pH का मान कम क्यों हो जाता है?
उत्तर- ताजे दूध का pH = 6 होता है। किन्तु दही बनने पर लैक्टिक अम्ल बनने के कारण pH 6 से कम हो जाता है।
प्रश्न-11 सार्वत्रिक सूचक क्या है?
उत्तर- सार्वत्रिक सूचक कई भिन्न
भिन्न सूचकों का मिश्रण है। सार्वत्रिक सूचक पत्रक सम्पूर्ण pH मापक्रम के विभिन्न pH मानों के लिए भिन्न-भिन्न रंग देता है। 0 के लिए इसका रंग गाढा
लाल, 7 के लिए हरा तथा 14 के लिए इसका रंग बैंगनी होता है।
प्रश्न-12 प्रबल अम्ल व दुर्बल क्षारों से बने
लवण का pH कितना
होता है?
उत्तर- 7 से कम। (संकेत- अम्ल या क्षार
में से जो भी प्रबल होगा, लवण की प्रकृति भी उसी के अनुरूप अम्लीय या क्षारीय होगी। प्रबल अम्ल व प्रबल क्षार
से बनने वाला लवण उदासीन प्रकृति प्रदर्शित करता है।)
प्रश्न-13 अम्ल, धातुओं से क्रिया कर कौनसी गैस देते हैं?
उत्तर- हाइड्रोजन गैस।
लघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न-1 दही एवं अन्य खट्टे खाद्य पदार्थों को
तांबे एवं पीतल के पात्रों में क्यों नहीं रखना चाहिए?
उत्तर- दही तथा अन्य खट्टे पदार्थों
को पीतल, तांबे या अन्य धातुओं के बर्तनों में नहीं रखा जाता क्यों कि दही तथा अन्य खट्टे
पदार्थों में मौजूद अम्ल, धातु के बर्तन से किया कर विषैले धातु यौगिक बनाते हैं। जो खाद्य विषाक्तता उत्पन्न
कर हमारे स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
प्रश्न-2 HCl, HNO3 आदि यौगिक जलीय विलयन में अम्लीय गुण प्रदर्शित करते हैं
जबकि ग्लूकोज व एल्कोहल नहीं। क्यों?
उत्तर- HCl,
HNO3 आदि यौगिक जलीय विलयन में हाइड्रोजन धनायन (H+) आयन देते हैं अतः वे अम्लों की श्रेणी में रखे जाते हैं जबकि एल्कोहल व ग्लूकोज में हाइड्रोजन होते हुए भी इन्हे अम्लों की श्रेणी में नहीं रखा जाता है, क्योंकि ये यौगिक जलीय विलयन में हाइड्रोजन धनायन नहीं देते हैं।
प्रश्न-3 शुष्क HCl गैस, शुष्क लिटमस पत्र के रंग को परिवर्तित क्यों नहीं
करती?
उत्तर- शुष्क हाइड्रोक्लोरिक गैस शुष्क लिटमस पत्र के रंग को
नहीं बदलती क्योंकि जल की अनुपस्थिति में HCl गैस अम्लीय व्यवहार प्रदर्शित नहीं करती। शुष्क अवस्था में
HCl गैस H+(aq) आयन नहीं देती और हम जानते हैं कि लिटमस पत्र के रंग को परिवर्तित
करने के लिए H+(aq) आयन का होना जरूरी
है। अतः शुष्क HCl गैस लिटमस पत्र के रंग को परिवर्तित नहीं करती किन्तु यदि लिटमस
पत्र गीला लिया जाए या HCl गैस को पानी में घोल दिया जाए तो यह लिटमस पत्र के रंग को नीले
से लाल में परिवर्तित कर अम्लीय गुण प्रदर्शित करती है।
प्रश्न-4 अम्ल किन्हें कहते हैं? किन्हीं दो प्रबल अम्लों के नाम लिखिए।
अम्लों के गुण लिखिए।
उत्तर- अम्ल वे होते हैं, जो जलीय विलयन में H+(aq) आयन देते हैं तथा नीले लिटमस को लाल कर देते हैं।
प्रबल अम्लों के उदाहरण- HCl, H2SO4
अम्लों के गुण-
1. अम्ल धातु के साथ अभिक्रिया करके हाइड्रोजन गैस देते हैं।
अम्ल + धातु → लवण + हाइड्रोजन गैस
2. अम्ल किसी धातु कार्बोनेट तथा धातु हाइड्रोजनकार्बोनेट के
साथ अभिक्रिया करके कार्बन डाइऑक्साइड गैस देते हैं।
अम्ल + धातु कार्बोनेट/ धातु हाइड्रोजनकार्बोनेट → लवण + कार्बन डाइऑक्साइड + जल
3. अम्ल क्षारक से अभिक्रिया करके लवण तथा जल प्राप्त बनाते
हैं, इसे उदासीनीकरण अभिक्रिया कहते हैं।
अम्ल +
क्षारक → लवण + जल
4. अम्ल धात्विक ऑक्साइड से अभिक्रिया करके लवण तथा जल बनाते
हैं
अम्ल + धातु
ऑक्साइड → लवण + जल
5. अम्लों के जल में विलयन विद्युत का चालन करते हैं क्योंकि
जल में ये हाइड्रोजन आयन का निर्माण करते हैं।
प्रश्न-5 क्षारक क्या हैं? किन्ही
दो प्रबल क्षारकों के नाम दीजिए।
उत्तर- क्षारक वे रासायनिक पदार्थ हैं जिनका स्वाद कडवा होता
है। सभी क्षारक लाल लिटमस पत्र के रंग को नीले में परिवर्तित कर देते है। वे क्षारक
जो जल में विलेय होते हैं, क्षार कहलाते हैं। क्षारक जल में विलेय होकर हाइड्रोक्साइड ऋण (OH-) आयन देते हैं।
प्रबल क्षारकों के उदाहरण- सोडियम हाइड्रोक्साइड (NaOH) पोटैशियम हाइड्रोक्साइड (KOH)
प्रश्न-6 उदासीनीकरण अभिक्रिया क्या है? दो उदाहरण दीजिए।
उत्तर- अम्ल क्षारकों के साथ अभिक्रिया कर लवण व जल बनाते हैं। इस अभिक्रिया
में अम्ल व क्षारक एक दूसरे के प्रभाव को नष्ट कर देते हैं, इसलिए इन अभिक्रियाओं को
उदासीनीकरण की अभिक्रिया भी कहते हैं।
NaOH(aq)
+ HCl(aq) → NaCl(aq) + H2O (l)
2KOH(aq)
+ H2SO4(aq)
→ K2SO4(aq)
+ 2H2O (l)
प्रश्न-7 विलयन के pH से
क्या तात्पर्य है? एक कोल्ड
ड्रिंक का pH 5 है। उसकी लिटमस पत्र पर क्या क्रिया होगी?
उत्तर- किसी विलयन का pH, उसमें हाइड्रोजन आयनों के सान्द्रण का व्युत्क्रमानुपाती होता
है।
pH
= -log10 [H+],
यहां pH का अर्थ है-पुसांस (पुसांस
एक जर्मन शब्द जिसका अर्थ है शक्ति)
अर्थात हाइड्रोजन
आयनों का सान्द्रण बढने पर pH घटता है जबकि हाइड्रोजन आयनों का सान्द्रण घटने पर विलयन का
pH बढता है। pH स्केल 0 से 14 तक होता है। यदि किसी विलयन का pH 7 तो उसे उदासीन माना जाता है। जबकि अम्लीय विलयन का pH 7 से कम तथा क्षारकीय विलयन का pH 7 से ज्यादा होता है। अम्लीयता बढने पर pH 7 से कम होता जाता है। यदि किसी विलयन का pH शून्य है तो वह प्रबल अम्ल होता है। जैसे 1 मोलर सान्द्रता
का HCl विलयन।
एक कोल्ड ड्रिंक के विलयन का pH यदि 5 है तो यह अम्लीय होने के कारण नीले लिटमस को लाल कर देगा।
प्रश्न-8 एण्टासिड किस प्रकार कार्य करते हैं? दो सामान्य एण्टासिडों के नाम बताइए।
उत्तर- हमारा आमाशय HCl के 1.4 pH पर भोजन पचाने में सहायता करता है। किन्तु जब कभी अम्ल की मात्रा
बढ़ जाती है तो पेट में दर्द व जलन पैदा होने लग जाती है। इसके लिए एण्टासिड जैसे मिल्क
ऑफ़ मैगनीशिया Mg(OH)2 तथा बेकिंग सोडा NaHCO3 काम में लिए जाते हैं।
ये पदार्थ क्षारकीय होने के कारण पेट की अतिरिक्त अम्लीयता को उदासीन कर देते हैं।
उत्तर- हमारे दांतों पर पाया जाने वाला दंत इनेमल कैल्शियम फॉस्फेट
का बना होता है जो शरीर का कठोरतम पदार्थ है। किन्तु जब कभी हम चीनीयुक्त भोजन करते
हैं तो हमारे मुख में उपस्थित जीवाणु शक्कर के अणु को तोड़कर लैक्टिक अम्ल उत्पन्न करते
हैं। यह अम्ल मुख के pH को घटा देता है। और जब pH 5.5 से गिर जाता है तो हमारे इनेमल का क्षय होने लगता है और
दांतो में केविटी बनने लग जाती है। इससे बचने के लिए खाना खाने के बाद मुख को अच्छी
तरह साफ करना व क्षारकीय दंत मंजन का उपयोग करना चाहिए जो मुख के अतिरिक्त अम्ल को
उदासीन कर दंतक्षय को रोकते हैं।
प्रश्न-10 एक खेत में मृदा अत्यधिक अम्लीय है।
दो पदार्थों के नाम बताइए जिन्हें खेत की अम्लता कम करने के लिए डाला जा सकता है।
उत्तर- मृदा के pH = 7 पर पौधे सर्वोत्तम रूप से विकसित होते हैं किन्तु कम या
अधिक pH होने पर पादप सही तरह वृद्धि नहीं कर पाते। अम्लीय मृदा के
उपचार हेतु बिना बुझे चूने (CaO) बुझे चूने Ca(OH)2 अथवा चाक (CaCO3) का उपयोग किया जाता है। ये सभी क्षारीय पदार्थ मृदा के अतिरिक्त
अम्ल को उदासीन कर देते हैं।
प्रश्न-11 जब पदार्थ x के सान्द्र जलीय विलयन
का वैद्युत अपघटन किया जाता है, तो NaOH,
Cl2
और H2 उत्पन्न
होते हैं। पदार्थ x का नाम बताइए। इस प्रक्रम का विशेष नाम क्या है?
उत्तर- पदार्थ x है- सोडियम क्लोराइड।
2NaCl(aq) + 2H2O(l) →
2NaOH(aq) + Cl2(g) + H2(g)
इस प्रक्रम
का विशेष नाम है- क्लोर क्षार प्रक्रम।
प्रश्न-12 क्लोरीन गैस के दो उपयोग बताइये।
उत्तर-
1 पेयजल को रोगाणुमुक्त
बनाने में
2 PVC कीटनाशकों, DDT, CFC आदि बनाने में
3 विरंजक चूर्ण
के उत्पादन में।
प्रश्न-13 विरंजक चूर्ण किस प्रकार बनाया जाता
है? इसके
दो उपयोग बताइये।
उत्तर- शुष्क बुझे चूने पर Cl2 गैस प्रवाहित कर विरंजक
चूर्ण प्राप्त किया जाता है।
Ca(OH)2 + Cl2 →
CaOCl2 + H2O
उपयोगः- 1 कॉटन, लिनेन, काष्ठ लुगदी आदि का विरंजन करने में
2 रोगाणुओं से पेयजल
को मुक्त करने में
प्रश्न-14 बैकिंग सोडा व धावन सोडा के दो-दो उपयोग
बताइए।
उत्तर- बैकिंग सोडा के उपयोग-
1 आमाशय में अम्लीयता दूर करने में। क्षारकीय होने के कारण यह
अतिरिक्त अम्ल को उदासीन कर देता है।
2 बैकिंग पाउडर बनाने में। बैकिंग पाउडर, बैकिंग सोडा व टार्टरिक अम्ल का एक मिश्रण है।
3 अग्निशामक यंत्रों में यह अम्लों से क्रिया कर CO2 गैस
देता है। जो आग को बुझा देती है।
धावन सोडा के उपयोग-
1 कपडे धोने व घरों में साफ सफाई में।
2 कांच, साबुन, कागज व बोरेक्स के निर्माण में।
3 जल की स्थायी कठोरता दूर कर उसे मृदु बनाने में।
प्रश्न-15 प्लास्टर ऑफ़ पेरिस बनाने के लिए प्रयुक्त
कच्चे माल का नाम बताइये। इसके दो उपयोग भी लिखिए।
उत्तर- प्लास्टर ऑफ़ पेरिस बनाने के लिए कच्चा माल है- जिप्सम, CaSO4.2H2O । जिप्सम को जब
373 केल्विन ताप पर गरम किया जाता है। तो क्रिस्टलन जल का 3/4 भाग निकल जाता है और
प्लास्टर ऑफ़ पेरिस (CaSO4.1/2H2O ) बनता है।
प्लास्टर ऑफ़ पेरिस के उपयोग-
प्लास्टर ऑफ़ पेरिस के उपयोग-
1 टूटी हड्डियां को स्थिर करने के लिए प्लास्टर चढाने में।
2 खिलौने, सजावटी वस्तुएं, चॉक बनाने में।
3 घर की दीवारों को चिकना बनाने में तथा उन पर अलंकारिक कलाकृतियां
बनाने में।
प्रश्न-16 क्रिस्टलन जल क्या है?
उत्तर- जल के वे अणु जो लवण क्रिस्टल की संरचना का भाग बनाते
हैं,
क्रिस्टलन जल कहलाते
है। यह लवण क्रिस्टलों को उनकी निश्चित आकृतियां व रंग प्रदान करता है। क्रिस्टलन जल
के कारण CuSO4.5H2O नीले रंग का होता है।
प्रश्न-17. क्षारों के गुण लिखिए।
उत्तर- क्षार वे होते हैं, जो जलीय विलयन में OH- (aq) आयन देते हैं तथा नीले लिटमस को लाल कर देते हैं।
क्षारकों के गुण-
1. जब क्षारक किसी धातु से अभिक्रिया करता है तो हाइड्रोजन गैस
के उत्सर्जन के साथ एक लवण का निर्माण होता है जिसका ऋण आयन एक धातु एवं ऑक्सीजन के
परमाणुओं से संयुक्त रूप से निर्मित होता है।
क्षारक + धातु → लवण + हाइड्रोजन गैस
2 NaOH + Zn → Na2 ZnO2 + H2
[सोडियम
जिंकेट]
2. क्षारक अम्ल से अभिक्रिया करके लवण तथा जल प्राप्त बनाते
हैं, इसे उदासीनीकरण अभिक्रिया कहते हैं।
क्षारक +
अम्ल → लवण + जल
3. क्षारकों के जलीय विलयन विद्युत का चालन करते हैं क्योंकि
जल में ये OH- (aq) आयन का निर्माण करते हैं।
प्रश्न-18. एक ग्वाला ताजे दूध में थोड़ा बेकिंग सोडा क्यों मिलाता है?
उत्तर- वह ताजे दूध के pH के
मान को 6 से बदलकर थोड़ा क्षारीय बना देता है ताकि दूध देर तक अच्छा रहे और एंजाईम
उत्प्रेरण से फटे नहीं। इस दूध को दही बनने में अधिक समय इसलिए लगता है क्योंकि
एंजाईम उत्प्रेरण क्षारीय माध्यम में देर से होता है।
प्रश्न-19 प्लास्टर ऑफ़ पेरिस को आर्द्र-रोधी बर्तन
में क्यों रखा जाना चाहिए। इसकी व्याख्या कीजिए।
उत्तर- प्लास्टर ऑफ़ पेरिस को आर्द्र-रोधी बर्तन में रखा जाना चाहिए, क्योंकि प्लास्टर ऑफ़ पेरिस (CaSO4.1/2H2O) जो कि एक सफेद चूर्ण है, जल से क्रिया करने पर
पुनः जिप्सम (CaSO4.2H2O) बनकर कठोर ठोस पदार्थ प्रदान करता है।
Many many thanks
ReplyDeleteसराहना हेतु आपका अत्यंत आभार |
ReplyDeletemany many thanks
ReplyDeletemany many thanks
ReplyDeletemany many thanks
ReplyDeleteThank you very very much
ReplyDeleteThank you very very much
ReplyDeleteGood
ReplyDeleteStudents के लिये बहुत ही उपयोगी।
ReplyDeleteपढाई से जुड़े अन्य जानकारियो के लिए www.Study Trac.blogspot.Com पर जाएँ। thanks
Very important for the students good
ReplyDeleteSir
Very important for the students good
ReplyDeleteSir
बहुत ही सरल भाषा में आप ने समझाया धन्यावाद
ReplyDelete👌👌👌
ReplyDeleteVery nice Sir
ReplyDeleteThank you Sir
ReplyDeleteThanks sir
ReplyDeleteGurudev..mahan ho aap
ReplyDeleteVery good
ReplyDeleteThank u sir
ReplyDelete👏👏👏👏
ReplyDelete🙌🙏🙌🙏
ReplyDeleteMast
ReplyDeleteMast
ReplyDeleteMast
ReplyDeleteVERY GOOD
ReplyDeleteNice post
ReplyDeleteThank sar
ReplyDeleteVery easy and important so thanks for you
ReplyDeletesuper sir second chapter ka bhi post kijiye
ReplyDeleteThanks
DeleteThanT you so much
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